उत्तरकाशी में रजत जयंती उत्सव की धूम, लोक संस्कृति और परंपराओं की बयार से महका शहर

उत्तरकाशी में रजत जयंती उत्सव की धूम, लोक संस्कृति और परंपराओं की बयार से महका शहर उत्तरकाशी में रजत जयंती समारोह की शुरुआत पारंपरिक धूमधाम और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुई। पूरे नगर में लोक संस्कृति की झलक देखते ही बन रही है — कहीं पारंपरिक वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं तो कहीं स्थानीय नृत्य और गीतों से माहौल जीवंत हो उठा है। इस अवसर पर उत्तरकाशी की गलियां देवभूमि की विरासत से सराबोर नजर आ रही हैं। पारंपरिक परिधानों में सजे युवक-युवतियां लोकनृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं शिल्पकारों द्वारा पहाड़ी कला और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। जिले भर से लोग इस उत्सव में शामिल होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अनुभव कर रहे हैं। यह रजत जयंती समारोह उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास बन गया है।

उत्तरकाशी में रजत जयंती उत्सव की धूम, लोक संस्कृति और परंपराओं की बयार से महका शहर

उत्तरकाशी में रजत जयंती समारोह की शुरुआत पारंपरिक धूमधाम और सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुई। पूरे नगर में लोक संस्कृति की झलक देखते ही बन रही है — कहीं पारंपरिक वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं तो कहीं स्थानीय नृत्य और गीतों से माहौल जीवंत हो उठा है।

इस अवसर पर उत्तरकाशी की गलियां देवभूमि की विरासत से सराबोर नजर आ रही हैं। पारंपरिक परिधानों में सजे युवक-युवतियां लोकनृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं शिल्पकारों द्वारा पहाड़ी कला और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। जिले भर से लोग इस उत्सव में शामिल होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अनुभव कर रहे हैं।

यह रजत जयंती समारोह उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास बन गया है।